वायु गति साधना सिद्धि
वायु गति साधना सिद्धि
यह साधना उच्च कोटि की साधना है.आमावश्या की रात्रि को दक्षिण दिशाकी और मुँह काके त्तजा मुर्दे की रख का आसान और राख़ का पुतला बनके मंत्र जप करे।काली हकीक माला से १०१ माला जप करे। यह ४१ दी की साधना हे. हर रत मंत्र जप कर पुतले को गड देना हे ,४१ दिन तक उसी पुतले पे साधना करनी हे। ऐसा वायु गति साधना की सिद्धि प्राप्त होती हे.
मंत्र
ॐ अचेतन चेतन वायु न्य भूताये मम वशय सिधाये गमन सिद्धिम देहि देहि फट।
इस साधना आखरी दिन पुतला अपने आप से गायब हो जाता हे यही सफलता की पहचान हे.