लामा का आर्थिक उन्नति प्राप्त तंत्र
लामा का आर्थिक उन्नति प्राप्त तंत्र
'तिब्बती लामा से प्राप्त गोपनीय तन्त्र
की यात्रा के मार्ग में पढ़ने वाले पड़ाव 'शेषनाग' स्थान के पास देखे जा
सकते है, इस स्थान के पास ही एक बहुत बड़ी झोल हैं, श्रौर कहते हैं कि
कभी-कभी इस झोल में से सात फनों का सर्प पाती में से बाहर निकलता
है, कई लोगों ने उसे देखा भी है इसी झील के पार जहां से पहाड़ शुरू होता है, वहाँ एक गुफा हैं जो कि 'लामा गुफा' कहलाती है,.गुरू श्रपने शिष्यों को इस लामा गुफा के दर्शन कराने श्रदश्य ले जाते हैं. परम्तु गुरू जब अपने मन में यह निश्चय कर लेता है कि शिष्य को पात्रता इस स्तर को है कि वह उच्च- कोटि के योगियों के दर्शन कर सके, तभी ऐसा उपक्रम करता है ।बिर्ले सौभाग्यशाली साधकों झौर शिष्यों को हो ऐसे योगी केदर्शन होते हैं, यहां साधना करने वाले लामा का नाम “त्सुग' है, इन्होंने नबनिधि और ध्तुलनोय धन सम्पत्ति प्राप्त करने का एक तिथ्यती प्रयोग इस लेखक को बताया था, जो कि पाठशों के हितार्थ मैं दे रहा हैं.
जब भी वर्षा हो तो किसी पात्र में वर्षा का जल भर ले, पर यह
ध्यान रखे कि न तो जल की बूंद जमीन एर गिरे ओर न पात्र हो जमीन
पर रखा जाय, इस प्रकार एकत्र जल को लेकर उस पर निम्न मस्त्र की
४१ मालाएं फेर कर वह जल घ( में छिड़क दे, तो उसी दिन सेnमाश्च्यजनक आर्थिक उन्नति प्राप्त होने लगती है ।
त्सें तहँ प्लंगैस्म्नि ह्लीं ह्लीं क्वत्त्रै क्रीम त्सें ह्लीं
यह प्रयोग सरल दि्वाई देने पर भी श्रास्चयंजनक सौर अद्भुत है,गोपनीय होने पर भी जिन साधकों को यह मन्त्र झर बिधि प्राप्त हुई है,उन्होंने इसका लाभ उठाया है झौर वे दरिद्रता को लाखों मौल टूर छोड़ने में सफल हो सके हैं