52 भैरव को एक साथ सिद्ध करें
52 भैरव को एक साथ सिद्ध करें
अन्य सधना एँ तो सरल कहीं जा सकती है और उससे साधक को किसी पंकार का नुकशान नहीं होता पर भैरव सधना अभिक तीक्षण तलवार के समान हे इसमें "बावन भैरव ' को पुर्णतः सिद्ध किया जाता है.इसलिए इस साधना को भी वेलाल साधना के समन " अभिक तीक्षण मानी जाती है.
अमावस्या की रात्रि ,दक्षिण मुंह करके श्मशान जागरण की क्रिया करे. अमावस्या की रात्रि ,दक्षिण मुंह करके श्मशान जागरण की क्रिया करे,जब जग जय तो भूतो प्रेतों को बकरे की कलेजी का भोग लगाए ,और ५१ माला मंत्र जप कर श्मशान को शांत कर दे।
मंत्र
ॐ ब्रह्म भुतायै भैरवायै बलि ग्रहण ग्रहण मम वश्यं साधयै
क्रीम क्रम हुं हुं फट
यह २१ .दिन' की साधना है, पर अपने आप से काफी हिम्मत: की जरुरत होती हे “अतः किसी गुरु के
निर्देशन में ही इल साधना को सेंस्पत्र किया जाय तो ज्यादा उचित रहता हे